4752.*पूर्णिका*
4752.*पूर्णिका*
🌷 अपनी इच्छा बनो पोट तुम 🌷
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अपनी इच्छा बनो पोट तुम।
मन में न ही रखो खोट तुम ।।
देती महक यहाँ जिंदगी।
नाहक न ही करो चोट तुम।।
दुनिया कभी कभी बदलती ।
मिलते न ही लिखो नोट तुम ।।
कीमत कहीं मिले पढ़ लो।
कुछ भी न ही रटो घोट तुम ।।
सच प्यार शान खेदू जहाँ ।
डाले न ही कहो वोट तुम ।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
24-10-2024गुरूवार