4751.*पूर्णिका*
4751.*पूर्णिका*
🌷 यार हमें समझ पाओगे 🌷
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काश हमें समझ पाओगे।
दुनिया सच समझ जाओगे।।
समय के साथ बदले मंजिल।
खुशियांँ यूं समझ जाओगे।।
कुछ सौभाग्य से ही मिलते।
देख निशां समझ जाओगे।।
मुहब्बत कीमती होती है ।
दिल में रख समझ जाओगे।।
अनुरुप बस यहाँ है खेदू।
पागलपन समझ जाओगे ।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
24-10-2024गुरूवार