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24 Oct 2024 · 1 min read

4751.*पूर्णिका*

4751.*पूर्णिका*
🌷 यार हमें समझ पाओगे 🌷
22 2122 22
काश हमें समझ पाओगे।
दुनिया सच समझ जाओगे।।
समय के साथ बदले मंजिल।
खुशियांँ यूं समझ जाओगे।।
कुछ सौभाग्य से ही मिलते।
देख निशां समझ जाओगे।।
मुहब्बत कीमती होती है ।
दिल में रख समझ जाओगे।।
अनुरुप बस यहाँ है खेदू।
पागलपन समझ जाओगे ।।
……….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
24-10-2024गुरूवार

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