4745.*पूर्णिका*
4745.*पूर्णिका*
🌷 हमने तो सच ठान लिया है 🌷
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हमने तो सच ठान लिया है ।
तुझको अपना मान लिया है ।।
छोड़ेंगे ना हम साथ यहाँ ।
सीना अपना तान लिया है ।।
करते देख भरोसा कितना।
इतना तो पहचान लिया है ।।
जीवन बदले रख सोच नया।
दुनिया साजन छान लिया है ।।
वक्त के साथ चलें बस खेदू।
बन आभा सी भान लिया है ।।
…….✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
23-10-2024बुधवार