4719.*पूर्णिका*
4719.*पूर्णिका*
🌷 हमसे ही दूरी क्यों🌷
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हमसे ही दूरी क्यों।
दिल में मजबूरी क्यों।।
सपनों का सौदागर ।
सच करते पूरी क्यों।।
बदले भी सोच नहीं ।
हम जान जरूरी क्यों ।।
रंग बिरंगी दुनिया ।
लाल यहाँ भूरी क्यों।।
समझा अपना खेदू।
नजरों से घूरी क्यों।।
………..✍ डॉ.खेदू भारती “सत्येश”
20-10-2024रविवार