4692.*पूर्णिका*
4692.*पूर्णिका*
🌷 भोला-भाला 🌷
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भोला-भाला ।
मस्त मतवाला।।
करते न कभी।
हील हवाला ।।
चूर नशे में ।
मन मधुशाला।।
मुंह छिपाते ।
मन के काला ।।
कुंजी खेदू।
खोले ताला।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
17-10-2024 गुरुवार