4691.*पूर्णिका*
4691.*पूर्णिका*
🌷 कुछ नहीं कहते कहने वाले 🌷
212 22 22 22
कुछ नहीं कहते कहने वाले।
कुछ नहीं सहते सहने वाले।।
बस हवा के झोके जैसे है ।
कुछ नहीं बहते बहने वाले ।।
हांकते डींगे दिन रात यहाँ ।
कुछ नहीं रहते रहने वाले ।।
जिंदगी भर नाम कमाते जो।
कुछ नहीं ढहते ढ़हने वाले ।।
दूर भी तकलीफ जहाँ खेदू।
कुछ नहीं चहते चहने वाले ।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
17-10-2024 गुरुवार