468 होली रंगीली रे रंगीली
होली रंगीली रे रंगीली,
रंगों से भरी हुई,
गली में आई छैल छबीली।
रंग बिखेरे इधर-उधर,
मारी पिचकारी जोर से,
और कर दी हर चीज, गीली रे गीली।
होली रंगीली………।
जहाँ भी देखो, हैं रंग ही रंग।
आई छबीली सब के संग।
शरारत की ऐसी, जो कभी किसी ने ना की।
होली रंगीली……..।
रंग बिखरे हैं इधर-उधर।
आसमान हुआ है रंगीन।
हर तरफ है खुशबू ,भीनी रे भीनी।
होली रंगीली रे ……।