4671.*पूर्णिका*
4671.*पूर्णिका*
🌷 तेरी बस एक रजामंदी चाहता हूँ 🌷
22 22 22 22 2122
तेरी बस एक रजामंदी चाहता हूँ।
प्रीत यहाँ नेक रजामंदी चाहता हूँ।।
कैसे भाग्य चमकते हरदम जिंदगी में ।
मीत बने टेक रजामंदी चाहता हूँ।।
सूरत सुंदर सीरत भी है खूबसूरत।
बनते दिलफेक रजामंदी चाहता हूँ ।।
साथ रहे वक्त वाकिफ हर हालात से हम।
रेकी मस्त रेक रजामंदी चाहता हूँ।।
मस्त ये दुनिया करते सच में प्यार खेदू।
काट खुशी केक रजामंदी चाहता हूँ ।।
………..✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
16-10-2024 बुधवार