4667.*पूर्णिका*
4667.*पूर्णिका*
🌷 महकेगा मन अपना 🌷
22 22 22
महकेगा मन अपना।
चहकेगा मन अपना।।
बनती दुनिया सुंदर।
लहकेगा मन अपना।।
सागर सा जीवन भी ।
लहरेगा मन अपना।।
बनते सोना कुंदन।
दहकेगा मन अपना।।
गाती कोयल खेदू।
कुहकेगा मन अपना।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती। “सत्येश “
16-10-2024 बुधवार