4645.*पूर्णिका*
4645.*पूर्णिका*
🌷 साथ निभाते जब कोई 🌷
22 22 22 2
साथ निभाते जब कोई।
हाथ बढ़ाते तब कोई।।
दुनिया कहती है कुछ भी ।
नाथ बनाते कब कोई।।
नेक कहानी है अपनी।
गाथ सुनाते अब कोई।।
भटके ना आज यहाँ हम ।
पाथ बताते रब कोई ।।
खुशियों की बारिश खेदू।
माथ सजाते सब कोई।।
………..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
15-10-2024 मंगलवार