Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Oct 2024 · 1 min read

4640.*पूर्णिका*

4640.*पूर्णिका*
🌷 सच हामी भर दी 🌷
22 22 2
सच हामी भर दी ।
सब स्वामी कर दी ।।
जीना सीखें हम ।
अब खामी हर दी ।।
नामवर यहाँ पर ।
गुम नामी धर दी।।
रब साथ हमेशा।
बादामी गर दी।।
देख सजन खेदू।
सतनामी खर दी।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
14-10-2024 सोमवार

16 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
वक्त वक्त की बात है आज आपका है,तो कल हमारा होगा।
वक्त वक्त की बात है आज आपका है,तो कल हमारा होगा।
पूर्वार्थ
👌2029 के लिए👌
👌2029 के लिए👌
*प्रणय प्रभात*
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
तूफान सी लहरें मेरे अंदर है बहुत
कवि दीपक बवेजा
मुस्कुराकर बात करने वाले
मुस्कुराकर बात करने वाले
Chitra Bisht
മയിൽപ്പീലി-
മയിൽപ്പീലി-
Heera S
नाटक नौटंकी
नाटक नौटंकी
surenderpal vaidya
अर्धांगनी
अर्धांगनी
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
गुज़िश्ता साल
गुज़िश्ता साल
Dr.Wasif Quazi
वाह रे मेरे समाज
वाह रे मेरे समाज
Dr Manju Saini
भूलने की
भूलने की
Dr fauzia Naseem shad
🇮🇳एक जमाना था...🥹🥺
🇮🇳एक जमाना था...🥹🥺
Rituraj shivem verma
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क का इंसाफ़।
इश्क का इंसाफ़।
Taj Mohammad
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
" हिम्मत "
Dr. Kishan tandon kranti
★मृदा में मेरी आस ★
★मृदा में मेरी आस ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
Seema Garg
जय माँ चंद्रघंटा
जय माँ चंद्रघंटा
©️ दामिनी नारायण सिंह
लिमवा के पेड़ पर,
लिमवा के पेड़ पर,
TAMANNA BILASPURI
बारम्बार प्रणाम
बारम्बार प्रणाम
Pratibha Pandey
24, *ईक्सवी- सदी*
24, *ईक्सवी- सदी*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
श्रेय एवं प्रेय मार्ग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दोहावली
दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
"कुछ तो गुना गुना रही हो"
Lohit Tamta
*दादा जी (बाल कविता)*
*दादा जी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
पेड़ों से अगर हमें वाई फाई सिग्नल मिलता तो हर घर के सामने हो
पेड़ों से अगर हमें वाई फाई सिग्नल मिलता तो हर घर के सामने हो
Ranjeet kumar patre
23/176.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/176.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
**पी कर  मय महका कोरा मन***
**पी कर मय महका कोरा मन***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
खुद से रूठा तो खुद ही मनाना पड़ा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
वर्तमान सरकारों ने पुरातन ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...