4633.*पूर्णिका*
4633.*पूर्णिका*
🌷 खोए तेरे खयालों में 🌷
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खोए तेरे खयालों में ।
उलझे कैसे सवालों में ।।
देखो मस्त जिंदगी अपनी।
गुजरे हरदम निवालों में ।।
आते जाते रहे साथी ।
न यहाँ फंसे कुचालों में ।।
चाहत से बदलती दुनिया।
यूं रोज हसीं सुकालों में ।।
सजती है महफिलें खेदू।
रहते जिंदा जलालों में ।।
…..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
14-10-2024 सोमवार