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14 Oct 2024 · 1 min read

4633.*पूर्णिका*

4633.*पूर्णिका*
🌷 खोए तेरे खयालों में 🌷
22 2212 22
खोए तेरे खयालों में ।
उलझे कैसे सवालों में ।।
देखो मस्त जिंदगी अपनी।
गुजरे हरदम निवालों में ।।
आते जाते रहे साथी ।
न यहाँ फंसे कुचालों में ।।
चाहत से बदलती दुनिया।
यूं रोज हसीं सुकालों में ।।
सजती है महफिलें खेदू।
रहते जिंदा जलालों में ।।
…..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
14-10-2024 सोमवार

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