4629.*पूर्णिका*
4629.*पूर्णिका*
🌷 आँखों में देखा क्या 🌷
22 22 22
आँखों में देखा क्या ।
साखों में देखा क्या ।।
उड़ते गगन बुलंदी ।
पाखों में देखा क्या ।।
ताकत की बात यहाँ ।
बाहों में देखा क्या।।
जाने वाले जाए ।
राहों में देखा क्या।।
आंच नहीं कुछ खेदू।
छापों में देखा क्या।।
………..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
13-10-2024 रविवार