4624.*पूर्णिका*
4624.*पूर्णिका*
🌷 दिल दीवाना कहता है 🌷
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दिल दीवाना कहता है ।
देख जमाना कहता है ।।
प्यार भरा सागर जैसा।
मस्त परवाना कहता है ।।
महके फूल गुलाब यहाँ ।
यूं अफसाना कहता है ।।
साथी मेरे जान यहाँ ।
दे नजराना कहता है ।।
अंदाज निराला खेदू।
जग हरजाना कहता है ।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
13-10-2024 रविवार