4622.*पूर्णिका*
4622.*पूर्णिका*
🌷 तुमसे दूरी नहीं हुई 🌷
22 22 1212
तुमसे दूरी नहीं हुई ।
कुछ मजबूरी नहीं हुई ।।
ये दिल की बात जानते ।
अरमाँ पूरी नहीं हुई ।।
सच काली रात भी कटे ।
चंदा नूरी नहीं हुई।।
थामा है हाथ भी यहाँ ।
राह अधूरी नहीं हुई ।।
मंशा खेदू रखें अच्छी।
देख जरूरी नहीं हुई।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
13-10-2024 रविवार