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12 Oct 2024 · 1 min read

4619.*पूर्णिका*

4619.*पूर्णिका*
🌷 ये खालीपन है कैसा 🌷
22 22 22 2
ये खालीपन है कैसा।
आवारापन है कैसा।।
बिन तेरे हम तो मरते ।
सच तनहापन है कैसा ।।
मुहब्बत के ये शहर यहाँ।
दीवानापन है कैसा।।
भटके मन भी इधर-उधर ।
गंवारापन है कैसा।।
संभाला खुद को खेदू।
अब पागलपन है कैसा।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
12-10-2024 शुक्रवार

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