4617.*पूर्णिका*
4617.*पूर्णिका*
🌷 धर्म अधर्म की दुहाई करते 🌷
212 2122 22
धर्म अधर्म की दुहाई करते।
पीठ पीछे बुराई करते ।।
जिंदगी महकती मस्त यारों ।
काश कुछ तो अच्छाई करते।।
नाम बदनाम ना होता कुछ ।
त्याग तपस्या भलाई करते ।।
ढोंग भी है दिखावा भी है ।
रात दिन ना लड़ाई करते।।
प्यार से साथ साथी खेदू।
देख सच दिल सच्चाई करते ।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
12-10-2024 शुक्रवार