4610.*पूर्णिका*
4610.*पूर्णिका*
🌷 कैसी दुनिया देख यहाँ 🌷
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कैसी दुनिया देख यहाँ।
निकली दुनिया देख यहाँ ।।
कठिन नहीं डगर चले हम ।
चलती दुनिया देख यहाँ ।।
रंग बदलता मौसम भी ।
बदली दुनिया देख यहाँ ।।
कर लेते मेहनत जरा ।
सजती दुनिया देख यहाँ ।।
नेक करम अपना खेदू।
खुश है दुनिया देख यहाँ ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
11-10-2024 शुक्रवार