4607.*पूर्णिका*
4607.*पूर्णिका*
🌷 दिल दुनिया समझ जाते 🌷
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दिल दुनिया समझ जाते।
मस्त दरिया समझ जाते ।।
राह कठिन नहीं होती ।
सच खुशियांँ समझ जाते ।।
महके चमन भी देखो।
यूं कलियाँ समझ जाते ।।
चाहत जिंदगी अपनी।
हर सुर्खियाँ समझ जाते ।।
देखे नजरिया खेदू ।
सच बढिया समझ जाते ।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
11-10-2024 शुक्रवार