4604.*पूर्णिका*
4604.*पूर्णिका*
🌷 कोई सहारा बन जाते 🌷
2212 22 22
कोई सहारा बन जाते।
कोई किनारा बन जाते ।।
अपना यहाँ जीवन सुंदर।
कोई नजारा बन जाते ।।
मधुर मिलन यहाँ सुख दुख का।
कोई बिचारा बन जाते ।।
देखें नहीं कैसे साथी ।
कोई दुबारा बन जाते ।।
अपने कर्मो से सच खेदू।
कोई नकारा बन जाते ।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
10-10-2024 गुरुवार