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9 Oct 2024 · 1 min read

4595.*पूर्णिका*

4595.*पूर्णिका*
🌷 कुछ तो बदल कर देखो 🌷
22 212 22
कुछ तो बदल कर देखो।
कुछ तो फिसल कर देखो।।
बंधे दायरा में ना ।
कुछ तो निकल कर देखो।।
हरदम बदलती दुनिया।
कुछ तो नकल कर देखो।।
कीमत ना कभी घटती।
कुछ तो असल कर देखो।।
क्या औकात है खेदू।
कुछ तो मसल कर देखो।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
09-10-2024 बुधवार

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