Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2024 · 1 min read

4595.*पूर्णिका*

4595.*पूर्णिका*
🌷 कुछ तो बदल कर देखो 🌷
22 212 22
कुछ तो बदल कर देखो।
कुछ तो फिसल कर देखो।।
बंधे दायरा में ना ।
कुछ तो निकल कर देखो।।
हरदम बदलती दुनिया।
कुछ तो नकल कर देखो।।
कीमत ना कभी घटती।
कुछ तो असल कर देखो।।
क्या औकात है खेदू।
कुछ तो मसल कर देखो।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
09-10-2024 बुधवार

37 Views

You may also like these posts

बेरोजगारी का दानव
बेरोजगारी का दानव
Anamika Tiwari 'annpurna '
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
संघर्ष
संघर्ष
Sudhir srivastava
कविता कि प्रेम
कविता कि प्रेम
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
ज़िंदगी तेरी किताब में
ज़िंदगी तेरी किताब में
Dr fauzia Naseem shad
आने वाले सभी अभियान सफलता का इतिहास रचेँ
आने वाले सभी अभियान सफलता का इतिहास रचेँ
इंजी. संजय श्रीवास्तव
संवेदना
संवेदना
संजीवनी गुप्ता
चाहत बेहतर स्वास्थ्य की
चाहत बेहतर स्वास्थ्य की
Sunil Maheshwari
प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार आ कवि पं. त्रिलोचन झा (बेतिया चम्पारण जिला )
प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार आ कवि पं. त्रिलोचन झा (बेतिया चम्पारण जिला )
श्रीहर्ष आचार्य
मैं बसंत
मैं बसंत
Meenakshi Bhatnagar
कौन हो तुम मेरे लिये
कौन हो तुम मेरे लिये "
पूर्वार्थ
मैं  तेरी  पनाहों   में  क़ज़ा  ढूंड  रही   हूँ ,
मैं तेरी पनाहों में क़ज़ा ढूंड रही हूँ ,
Neelofar Khan
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
अंदाज़ - ऐ - मुहोबत
ओनिका सेतिया 'अनु '
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
Vindhya Prakash Mishra
लौह पुरुष - दीपक नीलपदम्
लौह पुरुष - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*गाता मन हर पल रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
*गाता मन हर पल रहे, तीर्थ अयोध्या धाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
- आज्ञाकारी राम -
- आज्ञाकारी राम -
bharat gehlot
कुपथ कपट भारी विपत🙏
कुपथ कपट भारी विपत🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
क्यों नहीं आ रहे हो
क्यों नहीं आ रहे हो
surenderpal vaidya
लोग कहते हैं चांद भी शर्मा जाए इतनी खूबसूरत हो तुम,
लोग कहते हैं चांद भी शर्मा जाए इतनी खूबसूरत हो तुम,
Aditya Prakash
बहुत ही सुंदर सवाल~जवाब 💯
बहुत ही सुंदर सवाल~जवाब 💯
Shubham Pandey (S P)
"बतंगड़"
Dr. Kishan tandon kranti
“अशान्त मन ,
“अशान्त मन ,
Neeraj kumar Soni
चंड  मुंड  संघारियां, महिसासुर  नै  मार।
चंड मुंड संघारियां, महिसासुर नै मार।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं...
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं...
Ajit Kumar "Karn"
अपना-अपना भाग्य
अपना-अपना भाग्य
Indu Singh
ओस की बूंदें
ओस की बूंदें
Shutisha Rajput
4814.*पूर्णिका*
4814.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज कल !!
आज कल !!
Niharika Verma
पापी करता पाप से,
पापी करता पाप से,
sushil sarna
Loading...