4584.*पूर्णिका*
4584.*पूर्णिका*
🌷 दूध पीते हम बच्चे नहीं 🌷
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दूध पीते हम बच्चे नहीं ।
देख इतने हम कच्चे नहीं ।।
जिंदगी अपनी सदा सुखी।
लोग कहते हम सच्चे नहीं ।।
फंसते कब मंझधार में ।
सच कश्ती खाते गच्चे नहीं ।।
ठोंकते दुनिया सलाम भी।
शेखिया मारे चच्चे नहीं ।।
बांटते खेदू खुशी जहाँ ।
यूं उड़ते पर खच्चे नहीं ।।
…….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
08-10-2024 मंगलवार