4582.*पूर्णिका*
4582.*पूर्णिका*
🌷 अपनी मंजिल करते हासिल 🌷
22 22 22 22
अपनी मंजिल करते हासिल।।
साथ सहारा बनते काबिल ।।
दुनिया सुंदर सुंदर जीवन ।
खून पसीना रहते शामिल।।
जिंदा रहने का है मकसद ।
भाग्य विधाता कहते पामिल ।।
वक्त का मारा बकवास यहाँ ।
नियम बने है होते तामिल ।।
अपना दौर जमाना खेदू।
करके कत्ल ना बचते कातिल ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
08-10-2024 मंगलवार