4564.*पूर्णिका*
4564.*पूर्णिका*
🌷 साथी बने होते हम 🌷
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साथी बने होते हम।
लथ-पथ सने होते हम ।।
बस प्यार में है पागल ।
ना अनमने होते हम ।।
बन बरसते बादल भी ।
हरदम घने होते हम ।।
यूं शान से जीते।
सीना तने होते हम ।।
देखो जहाँ खेदू अब ।
ताज अपने होते हम ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
07-10-2024 सोमवार