4544.*पूर्णिका*
4544.*पूर्णिका*
🌷 जो अपने समीप आते * 🌷
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जो अपने समीप आते ।
वो अपनी कमी बताते।।
कहते हैं नहीं यहाँ कुछ ।
आँखों की नमी बताते।।
बांटे जिंदगी खुशियांँ ।
नेकी आदमी बताते।।
मरते देश की खातिर ।
सुंदर सर जमीं बताते ।।
दिल में प्यार है खेदू।
साखी सब ममी बताते।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
05-10-2024 शनिवार