4533.*पूर्णिका*
4533.*पूर्णिका*
🌷 नव राह चलते 🌷
22 122
नव राह चलते।
रख चाह चलते ।।
मस्त जिंदगी ये ।
कर वाह चलते।।
साथी बने सब ।
न तबाह चलते।।
अपना यहाँ मन ।
आगाह चलते।।
इंसान खेदू।
गुमराह चलते।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
04-10-2024 शुक्रवार