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1 Oct 2024 · 1 min read

4509.*पूर्णिका*

4509.*पूर्णिका*
🌷 हम जीते हैं देश के लिए 🌷
22 22 212 12
हम जीते हैं देश के लिए ।
हम मरते हैं देश के लिए ।।
महके हरदम जिंदगी यहाँ ।।
हम खिलते हैं देश के लिए ।।
नादान नहीं नासमझ नहीं ।
हम करते हैं देश के लिए ।।
तरक्की भी हो हो यहाँ उन्नति ।
हम बढ़ते हैं देश के लिए ।।
परवा खेदू जब करें जहाँ ।
हम चलते हैं देश के लिए ।।
………..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
01-10-2024 मंगलवार

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