4499.*पूर्णिका*
4499.*पूर्णिका*
🌷 दिन जहाँ गुजरे मस्त 🌷
2122 22
दिन जहाँ गुजरे मस्त।
रात भी गुजरे मस्त ।।
हँसना क्या रोना।
साथ भी गुजरे मस्त।।
बेहयाई देखो।
सनम भी गुजरे मस्त ।।
यूं कशिश है दिल में ।
दोस्त भी गुजरे मस्त ।।
राह अपनी खेदू।
जिंदगी गुजरे मस्त ।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
30-09-2024 सोमवार