4490.*पूर्णिका*
4490.*पूर्णिका*
🌷 कुछ तो चाहत रखते 🌷
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कुछ तो राहत रखते।
कुछ तो चाहत रखते।।
डगर कठिन है भी क्या।
हम तो चाहत रखते।।
जीने की बस तमन्ना ।
सच तो चाहत रखते ।।
संघर्ष करते हरदम ।
वक्त तो चाहत रखते ।।
दुनिया सुंदर खेदू।
मन तो चाहत रखते।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
30-09-2024 सोमवार