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28 Sep 2024 · 1 min read

4471.*पूर्णिका*

4471.*पूर्णिका*
🌷 खून पसीना बहाते हम🌷
22 2212 22
खून पसीना बहाते हम ।
देख गले सच लगाते हम ।।
देश हमारा बने सुंदर।
ताने सीना सजाते हम ।।
समझे साहब यहाँ बातें ।
कैसे ये स्वर्ग बनाते हम ।।
मंजिल अपनी जहाँ बोले।
रख साथ कदम बढ़ाते हम ।।
परवाह करें जहाँ खेदू।
सर भी अपना कटाते हम ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
28-09-2024 शनिवार

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