4460.*पूर्णिका*
4460.*पूर्णिका*
🌷 चाहत से बनती है दुनिया🌷
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चाहत से बनती है दुनिया।
सच गर्व से तनती है दुनिया।।
राह चले राही रहबर बन ।
ना जाने हनती है दुनिया ।।
जीना मरना आगे बढ़ना।
ये छलनी छनती है दुनिया ।।
फूल बने बगियां का जानम ।
प्यार यहाँ मनती है दुनिया ।।
कहते रहते हरदम खेदू।
बेजा हो ठनती है दुनिया।।
……✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
27-09-2024 शुक्रवार