4441.*पूर्णिका*
4441.*पूर्णिका*
🌷 राह निकल आते हैं🌷
22 22 22
राह निकल आते हैं।
पत्थर पिघल जाते हैं ।।
रंग खुशी का रंगे।
देख मचल जाते हैं ।।
अपने हैं कुछ सपनें ।
चाह सजल जाते हैं ।।
जीवन रोज सुहाना ।
सोच बदल जाते हैं ।।
साथ निभाते खेदू।
सच संभल जाते हैं ।।
………✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
25-09-2024 बुधवार