4435.*पूर्णिका*
4435.*पूर्णिका*
🌷 ना करने की जिद छोड़े🌷
22 22 22 2
ना करने की जिद छोड़े ।
दुनिया सुंदर मुख मोड़े ।।
खुशियाँ चलके आती है ।
दिल से दिल अपना जोड़े ।।
हो गरम मिजाज जहाँ भी ।
रखते रूख नरम थोड़े ।।
जीवन का आधार नहीं ।
कैसे सर अपना फोड़े ।।
बिगड़े काम बने खेदू।
यूं न कभी वादा तोड़े ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
24-09-2024 मंगलवार