4428.*पूर्णिका*
4428.*पूर्णिका*
🌷 जीना भी हम सीख लेते🌷
22 22 2122
जीना भी हम सीख लेते।
मरना भी हम सीख लेते ।।
दुनिया खिलती रोज देखो।
खिलना भी हम सीख लेते।।
कहते कैसे कौन बिछड़े ।
मिलना भी हम सीख लेते।।
बनती है सच राह सुंदर ।
चलना भी हम सीख लेते।।
चाहत का सबरंग खेदू।
भरना भी हम सीख लेते।।
……….✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
24-09-2024 मंगलवार