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21 Sep 2024 · 1 min read

4404.*पूर्णिका*

4404.*पूर्णिका*
🌷 हम ना जाने क्यों मरते🌷
22 22 22 2
हम ना जाने क्यों मरते ।
तुम ना जाने क्यों मरते ।।
देख तमाशा दुनिया की ।
कुछ ना जाने क्यों मरते।।
साथ निभाते दिल से हम ।
जग ना जाने क्यों मरते ।।
प्यार करें देखो कितना।
सच ना जाने क्यों मरते ।।
माने बात यहाँ खेदू।
सब ना जाने क्यों मरते ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
21-09-2024 शनिवार

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