4403.*पूर्णिका*
4403.*पूर्णिका*
🌷 हम हंसते रहे🌷
22 1212
हम हंसते रहे।
दिल हंसते रहे।।
बढ़ते यहाँ जहाँ ।
जग हंसते रहे।।
जाने नहीं जरा।
वक्त हंसते रहे ।।
चाहत हसीन है ।
हल हंसते रहे।।
खेदू चढ़े शिखर ।
कल हंसते रहे।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
21-09-2024 शनिवार