4379.*पूर्णिका*
4379.*पूर्णिका*
🌷 सब्र का बांध बांधे यहाँ🌷
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सब्र का बांध बांधे यहाँ ।
पकड़े कांध बांधे यहाँ ।।
देखो प्यार से प्यार भी ।
सुंदर आंच बांधे यहाँ ।।
रखते आज जिंदादिली ।
कहते सांच बांधे यहाँ ।।
बिखरे देख कैसे रिश्तें।
टूटे काँच बांधे यहाँ ।।
दुनिया तीन खेदू पांच है ।
मतलब साध बांधे यहाँ ।।
……..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
19-09-2024 गुरुवार