4363.*पूर्णिका*
4363.*पूर्णिका*
🌷 हम रास्ता बना कर चलते🌷
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हम रास्ता बना कर चलते।
हम वास्ता बना कर चलते।।
बदले जिंदगी सबकी सच ।
हम दास्ताँ बना कर चलते।।
जब भी हो जरूरत अपनी।
हम नास्ता बना कर चलते ।।
काफी मेहनत करते जब ।
हम पास्ता बना कर चलते ।।
चढ़ते देख खेदू शिखरें।
हम हास्ता बना कर चलते ।।
…..✍️ डॉ. खेदू भारती “सत्येश “
18-09-2024 बुधवार