*4 फिल्म – पिया कि मेंहदी
*4फिल्म – पिया की मेंहदी। 9515651283
स्क्रिप्ट – रौशन राय का। 7859042461
तारीख – 31 – 05 – 2022
रिजवान खान के साथ पुरे लोग युनूस खान कि बात सुनकर मन मुग्ध रह गया
ये सब फ़िरदौस देख रही थी और उसकी भाभी नुरी भी
फ़िरदौस ने कहा भाभी किसी लड़की के साथ कोई घटना होने के बाद उनके भाई बाप को कितना जलील होना पड़ता है
भाभी नुरी – हां फ़िरदौस हम औरतों के लिए मर्द सदा कुर्बान हुआ है
बहन बेटी पत्नी और मां के जीवन और इज्जत के लिए हमारे परिवार के भाई बाप का सर हमेशा झुका रहता है और शरीफ लोगों को ये दुनिया जीने के लायक नहीं छोड़ता
रिजवान खान – युनूस खान को पकड़ा और अपने गले से लगा लिया और कहा नहीं युनूस खान नहीं तुम ऐसे बात फिर कभी मत करना क्योंकि हमारे पास भी एक बहन है
युनूस खान – भाई जान रिजवान हमारे बहन में और आपके बहन में अब फर्क हो गया है अल्लाह किसीको भी वो काली दिन ना दिखाएं जों हम और हमारे परिवार वालों ने देखा है
नाईदा – बेटे तुम किसी प्रकार का चिंता मत करो हम तुम्हारे बहन को बेटी बनाकर रखेंगे
युनूस खान – अम्मी जान ये तो आप सबका हमारे परिवार पर मेहरबानी है कि आप हमारे घर के काली को अपने आंख का काजल बना रहे हैं
उधर से फ़िरदौस आई और बोली नही भाई जान युनूस आप हमारे भाभी को काली न कहें वो घटना था जो किसी के साथ भी घट सकता है इस घर के लिए हमारी छोटी भाभी क्या हैं ये बात सिर्फ हम लोग जानते हैं
आप जाइए और बिना कोई शिकवा गिला के हमारे भाभी को हमारे यहां भेजिए
युनूस खान – हां मेरी बहन
और सबको सलाम कर युनूस खान वहां से चल दिया
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बातों और तैयारियां में पांच दिन बीत गया रिजवान खान ने अपने भाई के शादी में कोई कमी नहीं रहने दिया
तो इधर युनूस खान भी अपने बहन के विवाह में कोई कमी नहीं रहने दिया
खाना का कम से कम पंद्रह सौ आइटम था बारात रुकने का पंडाल जन्नत के जैसे लग रहा था
दुल्हे और दुल्हन का स्टेज़ तो इन्द्र के सिंघासन जैसे लग
रहा था
बारात शमशेर खान के दरवाजे पर आ पहुंचा लाइटें फुल झरीयां पटाखे, बैड बाजा पर वो गीत का धुन चल रहा है मेरा यार बना है दुल्हा और फुल खिले हैं दिल के सारे आॅफिसर सारे लोग सारे समाज और सारा बाराती सलीम खान के विवाह में झुम रहें
शमशेर खान और युनुस खान दोनों बाप बेटा मिलकर और कुछ मेहमान लोग आये बारात का स्वागत करने
लड़की वाला भी खुश था बारात और नाच गान देखकर और लड़का वाला भी खुश था बारात के लिए व्यवस्था और इंजाम देखकर
जब बारात दरवाजे पर लगा तों जरीना की एक सहेली ने कहा चल छत से दुल्हे को देख कर आतें हैं कि जरीना का होने वाला हमसफ़र अभी सेहरा में कैसे लगता हैं
जरीना का भी यही मन था पर वो अपने होंठों से बयां न कर पाई
लेकिन लड़कियां उसके मन कि बात समझ गई और छत पर आई.. तों देखा कि यहां पहले से ही बहुत लोग हैं और बारात और दुल्हे को देखकर तारीफ पर तारीफ़ किये जा रही थी
दो लड़कियां उस भीड़ में घुसी और दुल्हे संग बारात को देखकर उनके आंखें चकाचौंध रह गया.. दोनों जब कुछ देर नहीं आईं तो तिसरी आई और वो भी बारात और दुल्हे देखकर खुशी से झूम उठी.. और जाकर जरीना को बताई
सहेली – जरीना आज़ अगर तुम अपने दुल्हे राजा को और बारात का नाजारा देख लोंगी तों जीवन में इस तस्वीर और इस पल को कभी नहीं भुल पाएंगी
लाखों हजारों में एक तेरा सलीम अभी लग रहा है और बारात तों ऐसे लग रहा है कि शायद ख़ुदा ने जन्नत का एक हिस्सा तुम्हारे शादी में भेज दिया है
अब जरीना को भी अपने होने वाले हमसफ़र और बारात को देखने कि इक्षा हुई और अपने सहेली से बोली चल हमें भी दिखा दें आज और अभी का नजारा
सहेली के संग शादी के मेकअप से सजी और शादी का जोड़ा पहनी जरीना भी किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी
जरीना ने कहा कि हम दोनो दुसरी छत से देखकर आ जाएंगे और जब जरीना दुसरी छत पर गई जहां कोई नहीं था वहां से अपने दुल्हे को और बारात को देखकर उपर वाले को सो बार शुक्रिया कहा और वहां से आकर अपने कमरे में बैठ कर सोचने लगी कितना सुंदर लग रहा है मेरा सलीम अभी सेहरा में
अब दुल्हा को लेने पुरे रस्मों रिवाज के साथ दुल्हन की मां और बहुत सी औरतें आई
घोड़ी वाले ने कहा मैं दुल्हे राजा को उतरने नहीं दिया और कहा मैं दुल्हे राजा को लेकर आया हूं मेरा ईनाम होना चाहिए
रिजवान खान आया और कहा ये लो पांच हजार मैं देता हूं
घोड़ी वाला नहीं रिजवान भाई ये ईनाम तो मैं लड़की पक्ष से ही लूंगा
सब खुश था हसी के नोंक झोंक हों रहा था तभी कोई युनूस खान को जाकर कहा
तों हस्ते हुए युनूस खान आया और कहा क्या चाहिए भाई आपको दुल्हे राजा को उतारने के लिए
घोड़ी वाला – जब तक हमको हमारा ईनाम नहीं मिलेगा हम दुल्हे राजा को उतरने नहीं देंगे
की युनुस खान ने अपने गले से सोने की चेन निकाल कर घोड़ी वाले को पहना दिया और कहा अब तो आपका इजाजत है कि मैं दुल्हे राजा को लें जाऊं
घोड़ी वाला – हां अब आप दुल्हे राजा को अपने गोदी में उठाकर लें जाइएं और उनको उनके जगह पर ही बैठाएं
युनूस मियां ने दुल्हे राजा को हाथ दिया दुल्हे राजा सावधानी से हाथ पकड़ते हुए युनूस खान के गोदी में आ गए और युनुस खान उन्हें उनके जगह पर लें जाकर बिठाया
फिर जयमाला की रस्म शुरू हुआ और दुल्हन शादी के लाल जोड़े में चांद से अधिक सुंदर लग रही थी सारे लड़कियां दुल्हन को लेकर स्टेज पर आती है और इधर से दुल्हे राजा का दोस्त दुल्हे के साथ खड़े थे
दुल्हे को सारे लड़के सिखा दिया कि तु सर को नहीं झुकाना
दुल्हा दुल्हन जयमाला लिए एक दूसरे के आमने सामने खड़ा हैं
सारे बाराती अब नाच करते करते थक कर पंडाल में दुल्हे राजा के साथ हो लिए
लड़कियां – दुल्हे राजा आप वरमाला के लिए सर झुकाइए
दुल्हे का दोस्त – क्यों क्यों सर क्यों झुकाएगा आप कहिए दुल्हन को वैसे ही वरमाला पहनाने के लिए
लड़कियां – अरे बाबा ये रस्म हैं सर झुकाना
दुल्हे का दोस्त – कोई रस्म नहीं है आज यदि सर झुका तों सारा जीवन झुका हुआ ही रह जाएगा
लड़कियां – आपके पास कोई दिमाग नाम का चीज़ है कि नहीं
दुल्हे का दोस्त – नहीं हम तो आपके दिमाग से चलना चाहते हैं जैसे आपके बहन या सहेली वरमाला डालना चाहती हैं वैसे आप हमें दिमाग डाल दिजिए
दुसरा दोस्त – क्या हुआ यार
पहला दोस्त – कुछ नहीं भाई हम दिमाग बढ़ाने के लिए मैडम जी के यहां ट्यूशन पढ़ने जाएंगे इसलिए हम मास्टरनी जी से पता पुछ रहें हैं और निवेदन कर रहे हैं
दुसरा दोस्त – क्या ये प्यार कि शिक्षा नहीं देती हैं हमें भी प्यार करना सिखना था
तिसरा दोस्त – मैडम जी प्लीज़ बता दिजिए
दुसरी सहेली – अरे इन लुच्चों को छोड़ो रस्म पुरा करों
पहली सहेली – जीजा जी आप सर झुकाइए वरमाला के लिए
पहला दोस्त – वाह कितना एडवांस हैं देख अभी विवाह हुआ नहीं और जीजा बना लिया
दुसरा दोस्त – हम भी तो दुल्हे का दोस्त है हमें भी कुछ बना लिजिए
पहेली सहेली – जरुर आपकों हम अपना नौकर बनाएंगे
दुसरा दोस्त – अजी नौकर ही सही पर कुछ तो बनाईए
पहला दोस्त – चल सलीम झुका लें सर ये मायुष हों गई तु लें जा अपने दुल्हन को और हम लें जाएंगे उनके सहेली को
फिर जयमाला होता है
आधे से ज्यादा हिन्दू रस्मों रिवाज से विवाह हुआ जैसे जय माला सात फेरों वाली रस्म
फिर बाद में मुल्ला और मोलवीयों से निकाह भी पढ़वाया गया
निकाह होने के बाद बाराती को खाना खिलाने के लिए सब लोग लग गए
और दुल्हे राजा को खिलाने के लिए दुल्हन की सहेलियां दुल्हे राजा के साथ उनके सारे दोस्त आ गए और लड़कियां उन सबको खिलाने लगी
पहेली सहेली – जीजा जी अब आप खाना खाइए
पहला दोस्त – और हम सब
दुसरी सहेली – आप सब भजन गाइए
दुसरा दोस्त – ठीक है तोरा मन दर्पण कहलाए भले बुरे सारे कर्मों देखें और दिखाएं तोरा मन दर्पण कहलाए
तिसरी सहेली – हाथ में दही छुपाकर लगाकर आई
और चौथी सहेली कहती हैं – तुम सब इन शरीफ के शहजादों को तंग न करों और बोली मेरे आशीक मैं आपकी हो चुकी हूं मैं चाह रही हूं की आप में से कोई हमें भी अपने साथ लें चलें मैं कब से चलने को तैयार हूं ये बातों में उलझा रखी और तिसर सहेली ने सबके गालों पर दही लगा दिया बारात भी खाना खाएं और दुल्हे भी
अब आखिरी रस्म के बाद दुल्हन को लेकर बारात वापस हो जाएंगी
अंतिम रस्म ये हैं कि दुल्हन की सहेली दुल्हे के हाथ में मेंहदी लगाएगी और दुल्हा अपने साली को ईनाम देंगे
सारे लड़कियां आई और दुल्हे राजा को बुलाने के लिए एक छोटी लड़की को भेजा
छोटी लड़की आई और बोली – जीजा जी आप हमारे साथ आइएं अब मेंहदी कि अंतिम रस्म पुरी करनी है
सलीम मियां उस बच्चे के पिछे जल दिया
सारे दोस्त ने देखा कि सलीम एक छोटी लड़की के पिछे जा रहा है।
तब सारे भागकर सलीम के पास आया और कहा
सलीम कहा जा रहा है
सलीम – ये बच्ची कहती हैं कि अब मेंहदी कि अंतिम रस्म करना है
दोस्त – अरे यार हम सब अब तक तुम्हें बेवकूफ बनने से बचाया हैं और तु हम सब को बिना कहे जा रहा है जा बच्चू जा
सलीम – तुम सब को मैं जरुर बुलाता तुम सबके बीना तो मजा ही नहीं आता
दोस्त तो चल इस अंतिम रस्म में भी पुरी मजा लेते हैं और सारे दोस्त जब चलने लगा
तों छोटी लड़की कहती हैं कि अब आप सब की जरूरत नही है
दोस्त – ये बात आपको कौन कहा
लड़की – मुझे किसी ने नहीं कहा मैं खुद जानती हूं
दोस्त – अरे आप तो उन लड़कियों से भी ज्यादा सयानी है
लड़की – मैं सयानी नहीं सबकी नानी हूं
ये सुनते ही सब हस पड़े और सब मेंहदी रस्म पुरा करने के लिए पहुंचे
बहुत सुंदर से सजा कर एक डाली {टोकरी} में पांच सात मेंहदी रखा हुआ था।
एक तरफ दुल्हे के साथ उनके दोस्त बैठ गया
और दूसरी तरफ दुल्हन के साथ उनके सारे सहेलियां और बीच में वो मेंहदी कि कि टोकरी
छोटी लड़की – जीजा जी अब ये आपके शादी का अंतिम रस्म हैं इसलिए आप इस टोकरी में एग्यारह हजार एक सौ एक रुपया रखिए और अंतिम रस्म पुरा किजिए
दुल्हे राजा रुपया निकालने लगा / तो दोस्त ने कहा कि रुको और उस छोटी लड़की से पुछा
दोस्त – नानी जी ये पैसा क्यों और किस लिए
छोटी लड़की – ये इसलिए कि मैं जीजा कि साली हूं और हम इनको मेंहदी लगाएंगे इसलिए ये जीजा के ओर से मेरा और इन सब लड़कियों के लिए भी तोहफा होगा
दोस्त – वो नानी जी यदि हम किसी को तोहफा देना चाहें तो
छोटी लड़की – हां हां आप सब भी इन लड़कियों को तोहफा दे सकते हैं
तब तक शमशेर खान के साथ समधी जैनुल खान और रिजवान के साथ युनूस खान भी वहां आ पहुंचे
शमशेर खान – क्यों बच्चों तुम लोगों का रस्म पुरा हुआ कि नहीं और आप क्या कर रही हैं जारा साहिबा
छोटी लड़की – खालू अभी मैं जारा नहीं इन सब लड़कियों का नानी हूं
इतना सुनते ही सब बड़े जोर से हसे और हसते हसते लोट पोट हो गए
युनुस खान – तो नानी जी अब आप क्या कहना चाहती है
छोटी लड़की – भाय जान अब हम सब इस शादी का अंतिम रस्म करने आई हूं और जीजा जी से एग्यारह हजार एक सौ एक रुपया मांगा है
युनूस खान – नानी जी मैं दें दूं
सहेली – नहीं भाय जान हम तों ये देखना चाहते हैं कि इतने खर्च करके जीजा जी शादी करने आये है पर जेब में पैसा है कि नहीं
और लड़कियों के इस चलाकी को लड़के समझ नहीं पाया
इतना सुनते ही रिजवान खान बोला मैं दें दूं
लड़कियां नही लगता हैं दुल्हे राजा के जेब में आप ने पैसा दिया ही नहीं
इतना सुनते ही एक दोस्त ने दुल्हे को कहां यार अब तु पैसा टोकरी में डाल दें
इतना सुनते ही दुल्हे राजा ने एग्यारह हजार एक सौ एक रुपया टोकरी में रख दिया
छोटी लड़की – रुपया लेकर लड़कियों को देते हुए कहा लो लड़कियों तुम सबकी जीत हुई और सब ताली बजाती खड़ी हों गई और कहने लगी हम सब जीत गए जीत गए
रिजवान खान और सब लोग लड़कियों के चलाकी का तारीफ किया
लड़कों ने अपनी हार कबुल किया और दुल्हे राजा को मेंहदी लगा कर रस्म पुरा किया
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और अब दुल्हन विदाई की घड़ी आ गई दुल्हन पक्ष से सभी का आंखे नम हैं सारे सहेलियां दुल्हन को विदाई का कार्य करने लगी