Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2024 · 1 min read

3435⚘ *पूर्णिका* ⚘

3435⚘ पूर्णिका
🌹 कुछ बातें तजना सीखों 🌹
22 22 22 2
कुछ बातें तजना सीखों ।
सच दिल से सजना सीखों ।।
कीमत होती है वक्त की ।
हालतों से पजना सीखों ।।
बदले जीवन सोच यहाँ ।
साज बजे बजना सीखों।।
मिलता हरदम प्यार जिसे।
जान यहाँ जजना सीखों।।
करते देख यकीं खेदू ।
आगे बढ़ छजना सीखों ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
11-05-2024 शनिवार

92 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
मैं वो चीज़ हूं जो इश्क़ में मर जाऊंगी।
Phool gufran
शमा जली महफिल सजी,
शमा जली महफिल सजी,
sushil sarna
4556.*पूर्णिका*
4556.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किसी की इज़्ज़त कभी पामाल ना हो ध्यान रहे
किसी की इज़्ज़त कभी पामाल ना हो ध्यान रहे
shabina. Naaz
23)”बसंत पंचमी दिवस”
23)”बसंत पंचमी दिवस”
Sapna Arora
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
रमेशराज के देशभक्ति के बालगीत
कवि रमेशराज
कूच-ए-इश्क़ से निकाला गया वो परवाना,
कूच-ए-इश्क़ से निकाला गया वो परवाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
നിന്റെ ഓർമ്മകൾ
നിന്റെ ഓർമ്മകൾ
Heera S
हम सृजन के पथ चलेंगे
हम सृजन के पथ चलेंगे
Mohan Pandey
SHER
SHER
*प्रणय*
मन नहीं होता
मन नहीं होता
Surinder blackpen
"मेरा निस्वार्थ निश्चछल प्रेम"
विकास शुक्ल
ज़रूरतों  के  हैं  बस तकाज़े,
ज़रूरतों के हैं बस तकाज़े,
Dr fauzia Naseem shad
लायर विग
लायर विग
AJAY AMITABH SUMAN
रणचंडी बन जाओ तुम
रणचंडी बन जाओ तुम
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी,
Rituraj shivem verma
Empathy
Empathy
Otteri Selvakumar
*नारी है अर्धांगिनी, नारी मातृ-स्वरूप (कुंडलिया)*
*नारी है अर्धांगिनी, नारी मातृ-स्वरूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
सुंदरता का मोह माया त्याग चुके हैं हम
सुंदरता का मोह माया त्याग चुके हैं हम
Ranjeet kumar patre
2122 1212 22/112
2122 1212 22/112
SZUBAIR KHAN KHAN
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
ठण्डी राख़ - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
मेरी खुशियों की दिवाली हो तुम।
मेरी खुशियों की दिवाली हो तुम।
Rj Anand Prajapati
जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
जो सृजन करता है वही विध्वंश भी कर सकता है, क्योंकि संभावना अ
Ravikesh Jha
हम
हम
Adha Deshwal
बाल कविता: नानी की बिल्ली
बाल कविता: नानी की बिल्ली
Rajesh Kumar Arjun
🌹खूबसूरती महज....
🌹खूबसूरती महज....
Dr .Shweta sood 'Madhu'
बस्तर दशहरा
बस्तर दशहरा
Dr. Kishan tandon kranti
"परिस्थिति विपरीत थी ll
पूर्वार्थ
जिंदगी बहुत प्यार, करता हूँ मैं तुमको
जिंदगी बहुत प्यार, करता हूँ मैं तुमको
gurudeenverma198
Loading...