3379⚘ *पूर्णिका* ⚘
3379⚘ पूर्णिका ⚘
🌹 सत्ता के लिए क्या नहीं करते 🌹
122 122 1222
सत्ता के लिए क्या नहीं करते।
अकाल जन नेता नहीं मरते।।
सर्दी में गर्मी का यहाँ मौसम ।
हरा देख चारा नहीं चरते।।
खुशी रातदिन मचलती रहती।
मन अमन बने पग नहीं धरते।।
सुखी और संपन्न रहे हम बस ।
जश्ने शोर आहें नहीं भरते।।
करामात देखो जरा खेदू।
बिना कुछ पत्ते भी नहीं झरते।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
02-05-2024गुरुवार