3369⚘ *पूर्णिका* ⚘
3369⚘ पूर्णिका ⚘
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अपात्र भी अब पात्र हो गए🌹
1212 22 1212
अपात्र भी अब पात्र हो गए ।
यहाँ दिखावा मात्र हो गए ।।
मरे सजन देखो यहाँ कहाँ ।
न शोक है दशगात्र हो गए ।।
न ज्ञान ध्यान जरा रखे कहाँ ।
पढ़े लिखे क्या छात्र हो गए ।।
उड़े गगन बादल इधर-उधर ।
वसुंधरा भी धात्र हो गए ।।
विद्वान बन खेदू लिख कविता।
किताब देखो शास्त्र हो गए ।।
…….✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
01-05-2024बुधवार