3365.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3365.⚘ पूर्णिका ⚘
🌹 काम करते तपती दुपहरी में🌹
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काम करते तपती दुपहरी में ।
देख मस्त हम तपती दुपहरी में ।।
जिंदगी की है सुंदर कहानी ।
सच मजा है तपती दुपहरी में ।।
अंग से निकले बहते पसीना।
प्यार महके तपती दुपहरी में ।।
उमस से सब है देखो परेशां ।
हीर चमके तपती दुपहरी में ।।
तपिश सूरज की प्रचंड खेदू।
आग धधके तपती दुपहरी में ।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
01-05-2024बुधवार