3360.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3360.⚘ पूर्णिका ⚘
🌹 जीने का ढंग अब बदलो🌹
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जीने का ढंग अब बदलो।
दुनिया का रंग अब बदलो।।
कैसे ये जिंदगी गुजरे।
फितरत की जंग अब बदलो।।
दौर यहाँ संघर्षो का है।
भूले सब तंग अब बदलो।।
बुझती है आग दिल की कब ।
जग भी हो दंग अब बदलो।।
करते हैं नाज खेदू सच ।
बन मेरे अंग अब बदलो।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
30-04-2024मंगलवार