3357.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3357.⚘ पूर्णिका ⚘
🌹 रब देखते हैं🌹
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रब देखते हैं ।
सब देखते हैं ।।
सपना नया सा।
कब देखते हैं ।।
यूं प्यार करते।
लब देखते हैं ।।
नजरें नजारे ।
तब देखते हैं ।।
मन साफ खेदू ।
जब देखते हैं ।।
………✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
30-04-2024मंगलवार