Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2024 · 1 min read

3324.⚘ *पूर्णिका* ⚘

3324.⚘ पूर्णिका
🌹 सारे गम भूल जाएंगे🌹
22 2212 22
सारे गम भूल जाएंगे।
दिल प्यार कबूल जाएंगे।।
देखो ये जिंदगी अपनी।
महके खिल फूल जाएंगे।।
हरदम आनंद दे संघर्ष ।
सब हो अनुकूल जाएंगे।।
बांट खुशी सहारा बन ।
हमको मिल कूल जाएंगे।।
वक्त भी बदलाव का खेदू।
यूं झूला झूल जाएंगे।।
………✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
25-04-2024गुरुवार

66 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
राम से बड़ा राम का नाम
राम से बड़ा राम का नाम
Anil chobisa
* गीत कोई *
* गीत कोई *
surenderpal vaidya
माटी तेल कपास की...
माटी तेल कपास की...
डॉ.सीमा अग्रवाल
* फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब *
* फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नमन है_मेरा वीर_नारी आप_को..🙏💐
नमन है_मेरा वीर_नारी आप_को..🙏💐
Shubham Pandey (S P)
मन की पीड़ा क
मन की पीड़ा क
Neeraj Agarwal
मुझे कुछ देर सोने दो
मुझे कुछ देर सोने दो
हिमांशु Kulshrestha
😘अमर जवानों की शान में😘
😘अमर जवानों की शान में😘
*प्रणय*
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
Sonam Puneet Dubey
तन्हाई को जश्न दे चुका,
तन्हाई को जश्न दे चुका,
goutam shaw
विश्व कविता दिवस
विश्व कविता दिवस
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
चुनावी घनाक्षरी
चुनावी घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जून की कड़ी दुपहरी
जून की कड़ी दुपहरी
Awadhesh Singh
प्यार भी खार हो तो प्यार की जरूरत क्या है।
प्यार भी खार हो तो प्यार की जरूरत क्या है।
सत्य कुमार प्रेमी
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
Lovi Mishra
ग़ज़ल _ महकती जब ये मिट्टी प्यार की नींदें उड़ाती है ,
ग़ज़ल _ महकती जब ये मिट्टी प्यार की नींदें उड़ाती है ,
Neelofar Khan
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
बैठाया था जब अपने आंचल में उसने।
Phool gufran
दिल
दिल
इंजी. संजय श्रीवास्तव
मोहे वृंदावन न भायै, .....(ऊधो प्रसंग)
मोहे वृंदावन न भायै, .....(ऊधो प्रसंग)
पं अंजू पांडेय अश्रु
जबकि मैं लोगों को सिखाता हूँ जीना
जबकि मैं लोगों को सिखाता हूँ जीना
gurudeenverma198
4698.*पूर्णिका*
4698.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आपके दिल में क्या है बता दीजिए...?
आपके दिल में क्या है बता दीजिए...?
पंकज परिंदा
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: आ स्वर की बंदिश रदीफ़ - न हुआ
Neelam Sharma
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
लाभ की इच्छा से ही लोभ का जन्म होता है।
Rj Anand Prajapati
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
तन्हाई बड़ी बातूनी होती है --
Seema Garg
---माँ---
---माँ---
Rituraj shivem verma
LIVE IN THE PRESENT
LIVE IN THE PRESENT
पूर्वार्थ
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
तुम घर से मत निकलना - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*
*"ऐ वतन"*
Shashi kala vyas
Loading...