3297.*पूर्णिका*
3297.*पूर्णिका*
🌷 नवपथ पर चलना होगा 🌷
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नवपथ पर चलना होगा ।
साथ यहाँ चलना होगा ।।
मंजिल चूमेगी पांव कभी ।
हमको हरदम चलना होगा ।।
लोग तमाशा करते रहते।
अनदेखा कर चलना होगा ।।
परवाह नहीं दुनिया की अब ।
बेफिक्र होकर चलना होगा ।।
सुंदर जीवन महके खेदू।
थामे दामन चलना होगा ।।
………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
21-04-2024रविवार