3284.*पूर्णिका*
3284.*पूर्णिका*
🌷 दुनिया हम बनाया करते 🌷
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दुनिया हम बनाया करते ।
पलकें हम बिछाया करते।।
अपना फर्ज समझते बेशक ।
वादा हम निभाया करते ।।
महके चमन सच जीवन का ।
दिल से हम सजाया करते ।।
अंधेरा मिटे जग रौशन ।
दीया हम जलाया करते।।
पूरी हसरतें हो खेदू।
पथ ये हम दिखाया करते।।
…………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
17-04-2024बुधवार