3273.*पूर्णिका*
3273.*पूर्णिका*
🌷 अपनों से मुलाकात होती है 🌷
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अपनों से मुलाकात होती है ।
जी भर के यहाँ बात होती है ।।
दिल भी समझ जाते जिंदगी कैसी।
सच में नैन बरसात होती है ।।
दुनिया बेफजूल कुछ भी कहते।
बदले देख हालात होती है ।।
खिलती रोज यूं बाग में कलियाँ ।
देखो दिन कहीं रात होती है ।।
दामन खूबसूरत जहाँ खेदू।
खुशियाँ शान सौगात होती है ।।
………..✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
14-04-2024रविवार