3256.*पूर्णिका*
3256.*पूर्णिका*
🌷 चैन की बंसी बजाते रहिए 🌷
2122 2122 22
चैन की बंसी बजाते रहिए ।
रोज यूं महफिल सजाते रहिए ।।
देखती है काम ये दुनिया भी ।
पार दरिया बस लगाते रहिए ।।
सोच साथी साथ बढ़ते हरदम।
राह नव अपनी बनाते रहिए ।।
वक्त नहीं है पास अपने देखो ।
बेवजह ना सर खपाते रहिए ।।
बदलते हैं नजरिया सच खेदू ।
नजर पर नजरें गड़ाते रहिए ।।
…………✍ डॉ. खेदू भारती “सत्येश”
10-04-2024बुधवार